क्या आपने कभी सोचा है कि उत्तर प्रदेश (UP) में जमीन का पुराना रिकॉर्ड कैसे खोजा जाए? क्या आपको यह रिकॉर्ड जमीन बेचने, विवाद सुलझाने या मालिकाना हक की पुष्टि करने के लिए चाहिए? चिंता न करें—अब इन रिकॉर्ड्स को निकालना बेहद आसान है। इस लेख में, मैं आपको ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पुराने रिकॉर्ड्स निकालने की पूरी प्रक्रिया समझाऊंगा। आइए शुरू करें!
जमीन का पुराना रिकॉर्ड UP में कैसे निकालें? जाने पूरी प्रक्रिया (त्वरित जवाब)
- भूलेख पोर्टल पर जाएं: https://upbhulekh.gov.in
- “खतौनी की नक़ल देखें” चुनें।
- जिला, तहसील और गांव दर्ज करें।
- मालिकाना हक और विवरण देखें।
- तहसील कार्यालय जाकर ऑफलाइन रिकॉर्ड प्राप्त करें।
इन सरल ऑनलाइन और ऑफलाइन चरणों का पालन कर कोई भी व्यक्ति उत्तर प्रदेश में जमीन के पुराने रिकॉर्ड्स आसानी से देख सकता है।
उत्तर प्रदेश में जमीन के पुराने रिकॉर्ड देखने की आवश्यकता क्यों है?
जमीन का पुराना रिकॉर्ड देखना कई कारणों से महत्वपूर्ण है:
- जमीन की खरीद-फरोख्त के समय: मालिकाना हक की पुष्टि के लिए।
- मालिकाना दावा करने के लिए: विवादों में सहायता के लिए।
- न्यायिक मामलों के लिए: कानूनी साक्ष्य के रूप में।
- जमीन विवाद सुलझाने के लिए: सही मालिकाना विवरण सुनिश्चित करने के लिए।
इन रिकॉर्ड्स में आपको जमीन का असली नक्शा, मालिकाना विवरण और हस्तांतरण इतिहास देखने को मिलता है।
उत्तर प्रदेश में जमीन का पुराना रिकॉर्ड ऑनलाइन कैसे निकालें
चरण 1 – यूपी भूलेख आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
- यूपी भूलेख पोर्टल पर जाएं: https://upbhulekh.gov.in
- यह पोर्टल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित है।
चरण 2 – “खतौनी (अधिकार अभिलेख) की नक़ल देखें” चुनें
- होमपेज को नीचे स्क्रॉल करें।
- “खतौनी (अधिकार अभिलेख) की नक़ल देखें” विकल्प पर क्लिक करें।
चरण 3 – आवश्यक विवरण दर्ज करें
- जिला, तहसील और गांव का चयन करें।
- विवरण भरने के बाद “उद्धरण देखें” पर क्लिक करें।
चरण 4 – जमीन के पुराने रिकॉर्ड तक पहुँचें
- स्क्रीन पर मालिकाना विवरण और पुराने जमीन रिकॉर्ड्स दिखने लगेंगे।
- आप मालिक का नाम और भूमि विवरण भी देख सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में जमीन का पुराना रिकॉर्ड ऑफलाइन कैसे निकालें
यदि ऑनलाइन एक्सेस संभव न हो, तो ये ऑफलाइन चरण अपनाएं:
चरण 1 – तहसील कार्यालय जाएं
- उस तहसील कार्यालय में जाएं जहां आपकी जमीन स्थित है।
- तहसील कार्यालय में सभी पुराने रिकॉर्ड्स सुरक्षित रहते हैं।
चरण 2 – लेखपाल (पटवारी) से संपर्क करें
- पटवारी या लेखपाल से मिलें।
- खाता नंबर और खसरा नंबर जैसी जमीन की जानकारी साझा करें।
चरण 3 – रिकॉर्ड की खोज और सत्यापन
- पटवारी आपके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर रिकॉर्ड खोजेगा।
- रिकॉर्ड्स रजिस्टर या आधिकारिक अभिलेखागार में उपलब्ध हो सकते हैं।
चरण 4 – आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें
- पहचान प्रमाण और जमीन से संबंधित दस्तावेज़ जमा करें।
- यह सुनिश्चित करता है कि आप सही व्यक्ति हैं।
चरण 5 – प्रमाणित प्रति प्राप्त करें
- प्रमाणित प्रति के लिए आवश्यक शुल्क (यदि कोई हो) का भुगतान करें।
- अपने संदर्भ के लिए प्रमाणित जमीन रिकॉर्ड की प्रति प्राप्त करें।
💡 सुझाव: यदि आपको जमीन का पुराना नक्शा चाहिए, तो इसे भी तहसील कार्यालय या संबंधित विभाग से प्राप्त कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या मैं 100 साल से पुराने रिकॉर्ड देख सकता हूँ?
हाँ, यूपी भूलेख पोर्टल पर 100 साल से पुराने रिकॉर्ड्स भी उपलब्ध हैं।
ऑनलाइन एक्सेस के लिए कोई शुल्क है क्या?
नहीं, यूपी भूलेख पोर्टल पर ऑनलाइन एक्सेस मुफ्त है।
ऑनलाइन प्रक्रिया में समस्या आए तो क्या करें?
तहसील कार्यालय जाएं और ऊपर बताए गए ऑफलाइन चरणों का पालन करें।
क्या पोर्टल से जमीन का नक्शा मिल सकता है?
फिलहाल, पुराने नक्शे मुख्य रूप से तहसील कार्यालय में उपलब्ध हैं।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में जमीन का पुराना रिकॉर्ड निकालना अब कोई जटिल कार्य नहीं है। यूपी भूलेख पोर्टल पर ऑनलाइन एक्सेस और तहसील कार्यालय में ऑफलाइन प्रक्रिया के माध्यम से कोई भी व्यक्ति सत्यापित रिकॉर्ड्स आसानी से प्राप्त कर सकता है।

Amit Tiwari is a land records expert specializing in Bhulekh UP. With years of experience in property documentation, he provides accurate, legal, and user-friendly insights on land records and ownership verification.